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25 / Jun / 2020


पिरामिड का वास्तु शास्त्र में महत्व

इजिप्त के पिरामिड के बारे में सब कोई जानता है, लेकिन बहुत सारे पिरामिड को केवल विश्व की एक अजायबी मानते हैं ।जबकि वैज्ञानिक और जिज्ञासुओ के लिए ये एक संशोधन हैं। पिरामिड त्रिकोणकार, आकर्षणविहीन होने के बावजूद इसमें अकल्पनीय ऊर्जा समाई हुई हैं ।इसकी बहुत कम लोगों को जानकारी है । त्रिभुजाकार होने के कारण उसमें अलौकिक ऊर्जा का संचार होता है।वास्तविकता ऐसी है कि इसमें धर्म है तो साइन्स भी है और योग है तो वास्तु शास्त्र भी हैं।

बहुत सारे मंदिरों,गिरिमथक और त्रिकोणकार भवन सब पिरामिड की खासियत का प्रभाव है ।पुराने समय में राजा भी पिरामिड आकार का आग्रह रखते थे।जालंधर शहर की प्रसिद्ध शक्तिपीठ त्रिपुरमालिनी के मंदिर का शिखर पिरामिड आकार का है । ऐसे मंदिरों में मानता रखने से वहां मौजूद चुम्बकीय शक्ति ,ऊर्जा और मंत्र शक्तियों का संयोग होता है इसलिए वहां पढें हुए मंत्र या कोई भी साधना व्यर्थ नहीं जाती ।


वैसे तो पिरामिड में अपार शक्तियां हैं लेकिन दुर्भाग्य से इसका महत्व बहुत कम लोग जानते हैं ।
इसलिए जहाँ वास्तु दोष होता वहां का निरिक्षण करने के बाद उस जगह पर पिरामिड लगाने से वास्तु दोष का निवारण हो जाता है ।

जय माताजी